tanu thadani
hey eshwar (hindi kavya rachnay)
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तू जो गले लगाए रोऊँ , आंसू रोक के बैठा कब से ! माँ तुमसे जो जुदा हुआ हूँ ,सोया नहीं हूँ माँ मै तब से !! रंग - बिरंगी घात लगाए , दुनि...
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सारा जीवन इक कागज है, हम दुःख-सुख लिखते जाते हैं ! हम हैं बच्चो के जैसे जो, कागज की नाव बनाते हैं !! कुछ छूट गया ,कुछ पकड़ लि...
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दिल के गाँव में याद की खेती , पापा तुम तो खाद बन गए ! गए हो जब से हाथ छोड़ के , पापा तुम तो याद बन गए !! अब भटकूँ तो कौन हमें , घंट...
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धर्म से बंट गए , कर्म से बंट गए , मन से भी बंट जायेगें ! हम लडने वाली बिल्ली , रोटी , खा भी कैसे पायेगें ? उन...
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tanuthadani@ymail.com हर ओर द्वार है मृत्यु का , तुम भीतर डर के दुबके क्यों ? इस पार द्वार के अपने हैं, उस पार भी तो कुछ अपने ह...
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"हमें बचा लो " ध्यान न देना, ईश्वर अब इस अर्जी का ! हमने दुनिया काँट - छांट दी , काम किया बस दर्जी का !! ...
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बात निकलेगी तो आँखों मे आंसू आयेगे, हम लड़ बेठेगें, फिर बाद में पछ्तायेगे ! नीचा करने की तमन्ना मे , एक दूसरे को , क्या , ...
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हे ईश्वर तुम क्यूँ न रोते ? हमने तेरा खेल बिगाड़ा , जीवन बहता एक समुन्दर , लहर सा मन पर तन है खारा !! सपनो...
मंगलवार, 24 अक्तूबर 2023
शनिवार, 24 मई 2014
tanu thadani सारा जीवन इक कागज है तनु थदानी
सारा जीवन इक कागज है,
हम दुःख-सुख लिखते जाते हैं !
हम हैं बच्चो के जैसे जो,
कागज की नाव बनाते हैं !!
कुछ छूट गया ,कुछ पकड़ लिया,
सारा जीवन यूँ व्यर्थ गया !
जब शाम हुई ,तम देख-देख .
हम रोने क्यूँ लग जाते हैं!!
हर शाम का स्वागत किया करो,
ये शाम सुबह को लाती है!
इक-इक क्षण - क्षण में जीवन है ,
जो बच्चो में मुस्काती है !!
जब दुःख आये ,सुख बाँट दो सब ,
तुमको भी सुख मिल जायेगा !
तेरे जैसा ही इक कोई ,
तुमको भी खुश कर जायेगा !!
जीवन को मानो मस्त हवा ,
मत बांधो रिश्ते -नातों में !
हर इक से रिश्ता रखो मगर ,
मत उलझो शह औं मातों में !!
हमने तुमने क्यूँ सुना नहीं ,
जो कान में ईश्वर ने कहा ,
अपने अंदर में ख़ुशी रखो ,
और मुख से निकले हा!हा!!हा !!!
tanu thadani hey eshwar दुखी हैं हम सब तनु थदानी
दुखी हैं हम सब ,
खुद के कारण ,
खुद के कारण ,
आहत हैं!
करते सत्संग रामायण से ,
आदत से महाभारत हैं !!
पूरी बगिया दी तोड़॔फोड़
हर कार्य किये सृष्टी -नाशक ,
लकिन फिर भी हम जिन्दा हैं ,
प्यारे ईश्वेर की चाहत हैं!!
हमने माना भोजन देता ,
ईश्वर ही सांझ -सवेरे हैं !
फिर भी सुबहो से रात तलक ,
तेरे- मेरे के फेरे हैं!!
सारे के सारे संसाधन ,
पूरी ही तरह निचोड़ चुके,
हर इक रिश्तो से दुःख रिसते,
हम भावनाये तक छोड़ चुके!!
हम भूले हे ईश्वर तुमको,
तुम ना भूले ये राहत हैं!!
बुधवार, 30 जनवरी 2013
आखिर क्यूँ हे ईश्वर -3 तनु थदानी tanu thadani
शातिर दिमाग से खेलते हैं ,
नादान दिल से खेलते हैं ,
बेवकूफ शरीर से खेलते हैं ,
हम खुद के भीतर भी
इन तीनो स्थितियों को
अपनी मृत्यु तक झेलते है !
हम नहीं हैं किसी भी पशु के विकास - यात्रा के यात्री
हमने खुद के भीतर पशुता का विकास किया है !
बेहतर हैं पशु हमसे
कि स्पष्ट है उनका लक्ष्य -भोजन ,
मगर हमारे लक्ष्य तक नहीं हैं निश्चित !
हम कपड़े ओढ़ कर शर्मिन्दा हैं ,
मृत भावनाओं के साथ ज़िंदा हैं ,
भीड़ मे अकेलेपन के साथ हैं ,
अकेलेपन में यादों से खेलते हैं !
मात्र साँसों से दोस्ती के लिये ,
रोज नया आवरण , खुद के ऊपर बेलते हैं !
हे ईश्वर !
क्यूँ है हमारी जीवन - यात्रा अनिश्चित ?
क्यूँ हमारे साथ चलती एक निन्दा है ?
क्यूँ हैं बनाते खुद के भीतर खाई अहंकार की ?
आखिर क्यूँ खुद ही को उसके भीतर ढकेलते हैं ??
मंगलवार, 1 मई 2012
अगर यकीं है स्वर्ग पर हे ईश्वर { tanu thadani}
अगर यकीं है स्वर्ग पर
,
जीना फिर इस तरह,
तुम्हारे लफ्जो से कोई
,
आहत कभी ना हो!
भगवन उसे मिलेगे,
जिसके दिमाग में,
भगवान के आकार की
.
चाहत कभी ना हो!
आता है गर क्रोध तो
-
कमज़ोरियो से लड़ !
प्रेमी अगर हो सच्चे ;
तो माँ से प्रेम कर !
ईश्वर को तूने भोग लगाया तो क्या किया?
मूर्खो की तरह सूर्य को दिखाया क्यों दीया??
काबिल हो गरं,
दूसरों को काम दो बन्धु !
अब मंदिरों की घंटी को,
विराम दो बन्धु !!
मंदिर में ना जाना कभी मस्जिद में ना जाना
ईश्वर को ढूढने को
,
माँ के पास ही जाना !
माँ में ही तो रहीम तुम्हे राम मिलेगा
,
माँ के निकट ना कोई ताम-झाम मिलेगा !!
दुनिया की धुर्त्ततायें जब तुम को करे बेहाल,
माँ की ही गोद में तुम्हे आराम मिलेगा !!
tanu thadani: hey eshwar (tanu thadani)
http://tthadani.blogspot.com/2011/03/hey...
शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011
tanu thadani तनु थदानी हे ईश्वर तुम क्यूँ न रोते
हे ईश्वर
तुम क्यूँ न रोते ?
हमने तेरा खेल बिगाड़ा ,
जीवन बहता एक समुन्दर ,
लहर सा मन पर तन है खारा !!
सपनो वाली सभी मछलिया ,
तट पे आ कर तड़प रहीं है !
कौन सी दहशत सागर मे है ,
लहर , लहर से झड़प रही है !!
इच्छा की छाया में देखो ,
एक केकड़ा उलझ- उलझ कर ,
लड़ के खारे पानी से जो ,
बाहर आ कर मरा बेचारा !!
हे ईश्वर
हम क्यूँ है खोते ?
कहाँ से आ के फंसे जाल में ?
रिश्ते- नाते ओढ़ लोमड़ी ,
मिल जाती गायों की खाल में !
तुमको खोजा मिले नहीं तुम ,
ढूध सा पूरा जीवन फाड़ा !!
हे ईश्वर
तुम हमे क्यूँ बोते ??
इतनी फसलें काट चुके हो ,
धर्मो के कीड़ों से लथपथ ,
कितनी फसलें छांट चुके हो ??
बैल हुम ही है ,
हम ही हल भी,
हम ही जमीं ,
हम खुद को जोतें !!
हे ईश्वर
हम क्यूँ यूँ होते ?
नीचे हम रंगीन खिलौने ,
उपर जा बन जाते तारा !! ........................
मंगलवार, 13 दिसंबर 2011
tanu thadani तनु थदानी अब की जनम जो देना ईश्वर
"हमें बचा लो " ध्यान न देना, ईश्वर अब इस अर्जी का !
हमने दुनिया काँट - छांट दी , काम किया बस दर्जी का !!
बने नमाजी , सूफी चाहे , भजनों के सम्राट बनें ,
तुम तो समझ रहे ईश्वर ये , गोरख धंधा फर्जी का !!
घर - परिवार फिर गुरुद्वारे , मंदिर मस्जिद बना दिये ,
दिखे नहीं हे ईश्वर क्यूँ कि , प्लाट तो था खुदगर्जी का !!
ओम , वाहेगुरु , अल्लाह- अल्लाह , कहते- कहते सांस गई ,
पलट के देखा हे ईश्वर , कुछ , किया ना तेरी मर्जी का !!
अब कि जनम जो देना ईश्वर ,दिल देना सिर देना मत ,
धोखा - दहशत - राजनीति तक ,सारा खेल है इस सिर का !!
हमने दुनिया काँट - छांट दी , काम किया बस दर्जी का !!
बने नमाजी , सूफी चाहे , भजनों के सम्राट बनें ,
तुम तो समझ रहे ईश्वर ये , गोरख धंधा फर्जी का !!
घर - परिवार फिर गुरुद्वारे , मंदिर मस्जिद बना दिये ,
दिखे नहीं हे ईश्वर क्यूँ कि , प्लाट तो था खुदगर्जी का !!
ओम , वाहेगुरु , अल्लाह- अल्लाह , कहते- कहते सांस गई ,
पलट के देखा हे ईश्वर , कुछ , किया ना तेरी मर्जी का !!
अब कि जनम जो देना ईश्वर ,दिल देना सिर देना मत ,
धोखा - दहशत - राजनीति तक ,सारा खेल है इस सिर का !!
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