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गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

tanu thadani papa fir sey aana tum तनु थदानी पापा फिर से आना तुम

दिल के गाँव में  याद की खेती ,
पापा तुम तो खाद बन गए !
गए हो जब से हाथ छोड़ के ,
पापा तुम तो याद बन गए !!

अब भटकूँ  तो कौन हमें ,
घंटो बैठे समझायेगा !
दुनियां  घुप्प  अँधेरा, पापा ,
रस्ता कौन दिखायेगा ??

भीड़ - भीड़  बस भीड़  यहाँ पे,
तन्हा फिर भी खड़े  हैं हम ,
पापा जब से छोड़ गए हो ,
लगता है अब बड़े हैं  हम !!

बचपन मेरा साथ ले गये ,
उस बचपन को लाना तुम,
इन्तजार हम सभी को होगा ,
पापा फिर से आना तुम !!



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