दिल के गाँव में याद की खेती ,
पापा तुम तो खाद बन गए !
गए हो जब से हाथ छोड़ के ,
पापा तुम तो याद बन गए !!
अब भटकूँ तो कौन हमें ,
घंटो बैठे समझायेगा !
दुनियां घुप्प अँधेरा, पापा ,
रस्ता कौन दिखायेगा ??
भीड़ - भीड़ बस भीड़ यहाँ पे,
तन्हा फिर भी खड़े हैं हम ,
पापा जब से छोड़ गए हो ,
लगता है अब बड़े हैं हम !!
बचपन मेरा साथ ले गये ,
उस बचपन को लाना तुम,
इन्तजार हम सभी को होगा ,
पापा फिर से आना तुम !!
पापा तुम तो खाद बन गए !
गए हो जब से हाथ छोड़ के ,
पापा तुम तो याद बन गए !!
अब भटकूँ तो कौन हमें ,
घंटो बैठे समझायेगा !
दुनियां घुप्प अँधेरा, पापा ,
रस्ता कौन दिखायेगा ??
भीड़ - भीड़ बस भीड़ यहाँ पे,
तन्हा फिर भी खड़े हैं हम ,
पापा जब से छोड़ गए हो ,
लगता है अब बड़े हैं हम !!
बचपन मेरा साथ ले गये ,
उस बचपन को लाना तुम,
इन्तजार हम सभी को होगा ,
पापा फिर से आना तुम !!
good efforts quite sentimental liked it congrats
जवाब देंहटाएंzee mamaji
दिल को छू गयी आपकी यह कविता .
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