लोकप्रिय पोस्ट

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

tanu thadani: hey eshwar (tanu thadani)

आंखें तो सलामत हैं 
मगर चश्मा है ये कैसा ?
कभी नाचे है पैसे को ,
कभी नचाय ये पैसा !!

यही दुनिया का है मेला ;
यहाँ बेटो के संग झूले !
कि भांजा साथ था फिर भी ,
ना जाने कैसे हम भूले ??

हमे तो इस तरह अपनी ही खुदगर्जी ने लूटा!
बीबी आते ही बहनों का हमसे हाथ भी छूटा!!

सभी मिलते है अब हम तो ,
उसी बचपन के फोटो में ,
उसी मे छोटी बहना देख ,
बिटिया याद आती है,
कोई तो दुःख है बहना को ;
ना चित्ठी है ना पाती है !!

सभी हम अपने जिद के कमरों मे ही ,
बंद है रहते !
कि जब भी फोन पे मिलते है
केवल अपने दुःख कहते !!

हमीं ने गलतियो के शहर में ;
घर अपने बनाय!
हमीं ने दिल के खेतों में ;
जहर के पेड़ लगाए!!
हमीं जब अपनी करतूतों से
जब-जब तंग है होते ;
हमीं भगवान् से पूछे -
हमें बनाया क्यों एसा ??

hey eshwar (tanu thadani)

आंखें तो सलामत हैं 
मगर चश्मा है ये कैसा ?
कभी  नाचे हैं पैसे को ,
कभी नचाय ये पैसा !!

यही दुनिया का है मेला ;
यहाँ बेटो के संग झूले !
कि भांजा साथ था फिर भी ,
ना जाने कैसे हम भूले ??

हमे तो इस तरह अपनी ही खुदगर्जी ने लूटा!
बीबी आते ही बहनों का हमसे हाथ भी छूटा!!

सभी मिलते है अब हम तो , 
उसी बचपन के फोटो में ,
उसी मे छोटी बहना देख ,
बिटिया याद आती है,
कोई तो दुःख है बहना  को ;
ना चित्ठी है ना पाती है !!

सभी हम अपने जिद के कमरों मे ही ,
बंद है रहते !
कि जब भी फोन पे मिलते है 
केवल अपने दुःख कहते !!

हमीं ने गलतियो के शहर में ;
घर अपने बनाय!
हमीं  ने दिल के खेतों में ;
जहर के पेड़  लगाए!!
हमीं जब अपनी करतूतों से 
जब-जब तंग है होते ;
हमीं भगवान् से पूछे -
हमें बनाया क्यों एसा ?? 




     











शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

hey eshwar (tanu thadani)

बात निकलेगी तो आँखों मे आंसू  आयेगे,
हम लड़  बेठेगें,
फिर बाद में पछ्तायेगे !

नीचा करने की तमन्ना मे ,
एक दूसरे को ,
क्या ,
खुद ही  की नजरो में ना गिर जायेगे!!

जायं ना मस्जिदों  मे हम तौबा करने ,
ना मंदिरों मे जा के हम माफ़ी मांगे !
कायदा ये हो कि,हर भूल से हम यूँ  निपटे ,
गले मिले.
मगर,जिद कि भी दीवार लांघे!!

हमारी सोच अच्छी है कि बुरी ,सोच लो तुम ,
हमारी सोच फिर से लौट -लौट आएगी !
हमारी फूल सी मासूम नई पीढ़ी में ,
हमारी सोच ही सोचो  तो नज़र आएगी!!

कहानी नफरतो वाली ही सुनाते जो रहें ,
हमारे बच्चो में मुस्कान कहाँ पायेगें ?
जो हम हिन्दू-मुसलमान ही पैदा करें तो ,
आदमी नस्ल के बच्चे कहाँ से लायेंगे ?? 








बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

hey eshwar (tanu thadani)



hey eshawar  {tanu thadani} {तनु थदानी }

सारा जीवन इक कागज है

हम दुःख-सुख लिखते जाते हैं !

हम हैं बच्चो के जैसे जो,

कागज की नाव बनाते हैं !!

कुछ छूट गया ,कुछ पकड़ लिया,

सारा जीवन यूँ व्यर्थ गया !

जब शाम हुई ,तम देख-देख

हम रोने क्यूँ लग जाते हैं!!

हर शाम का स्वागत किया करो,

ये शाम सुबह को लाती है!

इक-इक क्षण -क्षण में जीवन है ,

जो बच्चो में मुस्काती है !!

जब दुःख आये ,सुख बाँट दो सब ,

तुमको भी सुख मिल जायेगा !

तेरे जैसा ही इक कोई ,

तुमको भी खुश कर जायेगा !!

जीवन को मानो मस्त हवा ,

मत बांधो रिश्ते -नातों में !

हर इक से रिश्ता रखो मगर ,

मत उलझो शह औं मातों में !!

हमने तुमने क्यूँ सुना नहीं ,

जो कान में ईश्वर ने कहा ,

अपने अंदर में ख़ुशी रखो ,

और मुख से निकले हा!हा!!हा !!!

रविवार, 9 अक्तूबर 2011

hey eshwar (tanu thadani)

सबसे प्यारी हँसी है वो ,
जो बच्चो की किलकारी है !
हे ईश्वर तू हर रचना में ,
रमता-बसता जारी है!!

तुने कोयल कूक बनाई,
हमने एटॉम-बम !
तुने आँख बनाई हँसती,
हमने कर दी नम !!

तूने रिश्ते दिए मगर,
हमने ही मोल नहीं जाना !
ईश्वर! खून के रिश्ते को ,
हम मानव ने बंधन माना!!

दी तूने मीठी जुबान ,
हमने ही कर दी आरी है!!

हम वजह ढूढते पहले है ,
खुश होते उसके बाद मे हें!
बे-वजह अगर मुस्काय तो ,
सब कहते है बीमारी है !!

हे ईश्वर ,हमे ना बरा करो ,
या बचपन को लंबा कर दो !
बचपन का हाथ छूटते ही ,
हम बन जाते ब्यापारी हें !!



शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

hey eshwar (tanu thadani)

हे ईश्वर मत कर प्यार हमे ,
किस मकसद से भेजा हमको 
हमने ये क्या-क्या कर डाला ,
दिमाग बेच कपडे  पहने ,
फिर शर्म बेच खाना खाया !
शरीर को बिक्री कर-कर के ,
ज़मीर भी बिक्री कर डाला !!

हे ईश्वर हम इंसानों ने ,
नफरत बोई -नफरत काटी!
ले ले तेरा नाम सभी ने ,
आपस मे धरती बांटी !!

कुछ मंदिर वालो ने हडपा  ,
कुछ मस्जिद वाले हडप गए !
गिरजा ने हडपी  कुछ माटी,
हम आपस मे ही झड़प  गये !!

हे  ईश्वर तेरी बगिया में ,
हम किस्म -किस्म के कांटे हें !
हमने तुमको भी बाँट दिया ,
ज्यों इस धरती को बांटे हें !!

तुम बुत मे ही अच्छे लगते ,
कुछ नाम से अच्छा पाते हें!
हम हिन्दू हो या हो मुस्लिम ,
हम बेच आस्था खाते है  !!

कागज़ के टुकडे  छाप लिए ,
उसको ही ईश्वर है माना ,
हे ईश्वर अपनी धरती पर ,
तुम मत आना ,तुम मत आना!!