सबसे प्यारी हँसी है वो ,
जो बच्चो की किलकारी है !
हे ईश्वर तू हर रचना में ,
रमता-बसता जारी है!!
तुने कोयल कूक बनाई,
हमने एटॉम-बम !
तुने आँख बनाई हँसती,
हमने कर दी नम !!
तूने रिश्ते दिए मगर,
हमने ही मोल नहीं जाना !
ईश्वर! खून के रिश्ते को ,
हम मानव ने बंधन माना!!
दी तूने मीठी जुबान ,
हमने ही कर दी आरी है!!
हम वजह ढूढते पहले है ,
खुश होते उसके बाद मे हें!
बे-वजह अगर मुस्काय तो ,
सब कहते है बीमारी है !!
हे ईश्वर ,हमे ना बरा करो ,
या बचपन को लंबा कर दो !
बचपन का हाथ छूटते ही ,
हम बन जाते ब्यापारी हें !!
bahot khub.. acha kabita hai
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