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शनिवार, 3 दिसंबर 2011

Tanu thadani तनु थदानी अपने अंदर में खुशी रखो



सारा जीवन इक कागज है

हम दुःख-सुख लिखते जाते हैं !

हम हैं  बच्चो के जैसे  जो,

कागज की नाव बनाते हैं !!


कुछ छूट गया ,कुछ पकड़ लिया,

सारा जीवन यूँ व्यर्थ गया !

जब शाम हुई ,तम देख-देख 

हम रोने क्यूँ लग जाते हैं!!


हर शाम का स्वागत किया करो,

ये शाम सुबह को लाती है!

इक-इक क्षण क्षण में जीवन है ,

जो बच्चो में मुस्काती है !!


जब दुःख आये ,सुख बाँट दो सब ,

तुमको भी सुख मिल जायेगा !

तेरे जैसा ही इक कोई ,

तुमको भी खुश कर जायेगा !!


जीवन को मानो मस्त हवा ,

मत बांधो रिश्ते -नातों में !

हर इक से रिश्ता रखो मगर ,

मत उलझो शह औं मातों में !!


हमने तुमने क्यूँ सुना नहीं ,

जो कान में आ  ईश्वर ने कहा ,

अपने अंदर में ख़ुशी रखो ,

और मुख से निकले हा!हा!!हा !!!
  

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