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रविवार, 9 अक्तूबर 2011

hey eshwar (tanu thadani)

सबसे प्यारी हँसी है वो ,
जो बच्चो की किलकारी है !
हे ईश्वर तू हर रचना में ,
रमता-बसता जारी है!!

तुने कोयल कूक बनाई,
हमने एटॉम-बम !
तुने आँख बनाई हँसती,
हमने कर दी नम !!

तूने रिश्ते दिए मगर,
हमने ही मोल नहीं जाना !
ईश्वर! खून के रिश्ते को ,
हम मानव ने बंधन माना!!

दी तूने मीठी जुबान ,
हमने ही कर दी आरी है!!

हम वजह ढूढते पहले है ,
खुश होते उसके बाद मे हें!
बे-वजह अगर मुस्काय तो ,
सब कहते है बीमारी है !!

हे ईश्वर ,हमे ना बरा करो ,
या बचपन को लंबा कर दो !
बचपन का हाथ छूटते ही ,
हम बन जाते ब्यापारी हें !!



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