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रविवार, 11 दिसंबर 2011

tanu thadani तनु थदानी बच्चे आखिर बच्चे हैं

धर्म  से बंट गए ,कर्म से बंट गए , मन से भी बंट जायेगें ! 
हम  लडने वाली   बिल्ली ,रोटी , खा  भी  कैसे  पायेगें ?

उनके  बच्चे , मेरे   बच्चे  , बच्चे    आखिर    बच्चे   है , 
बड़ा   तो   होने  दो  ये ही,हिन्दू - मुस्लिम  बन जायेगें !

अपने -अपने दुःख - दर्दों  का बोझा ले कर फिरने वाले ,
कभी   हमारे ,कभी   तुम्हारे  , घर - घर   में  ये  जायेगें !

कभी ना   लेंगे   रत्ती भर   भी,चाहे   रिश्तेदार  ही  हों ,
अपनी   तकलीफों  के  टुकडें,बेशक   छोड़  के  जायेगें  !

सांसें  लेना  ही   जीवन है ,तो  फिर  अगली पीढ़ी  को  ,
मानव औ  कुत्ते  बिल्ली  में  , फर्क  बता  क्या  पायेगें  ? 

लाड  बहन सा ,ममता  माँ  सी,अगर नहीं  है पास सखी ,
प्यारी  शक्ल  पे  नैन  तुम्हारे , प्यार से  ही चुक जायेगें  !
-----------------------------  तनु  थदानी

   

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