धर्म से बंट गए , कर्म से बंट गए , मन से भी बंट जायेगें !
हम लडने वाली बिल्ली , रोटी , खा भी कैसे पायेगें ?
हम लडने वाली बिल्ली , रोटी , खा भी कैसे पायेगें ?
उनके बच्चे , मेरे बच्चे , बच्चे आखिर बच्चे है ,
बड़ा तो होने दो ये ही , हिन्दू - मुस्लिम बन जायेगें !
अपने - अपने दुःख - दर्दों का , बोझा ले कर फिरने वाले ,
कभी हमारे , कभी तुम्हारे , घर - घर में ये जायेगें !
कभी ना लेंगे रत्ती भर भी , चाहे रिश्तेदार ही हों ,
अपनी तकलीफों के टुकडें , बेशक छोड़ के जायेगें !
सांसें लेना ही जीवन है , तो फिर अगली पीढ़ी को ,
मानव औ कुत्ते - बिल्ली में , फर्क बता क्या पायेगें ?
लाड बहन सा , ममता माँ सी , अगर नहीं है पास सखी ,
प्यारी शक्ल पे नैन तुम्हारे , प्यार से ही चुक जायेगें !
subhan allah ... ! cha gye guru...
जवाब देंहटाएंहौंसंला -आफजाई के लिए दिल से शुक्रिया .............
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