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शनिवार, 5 मार्च 2011

hey eshwar (tanu thadani)

जिस बारिश से दुःख बह जाये ;
जिस अंधर से दुःख उर जाये ,
ऐसी बारिश दो ,अंधर दो!
जिस पेड़ ख़ुशी के फूल खिले ,
ईश्वर हमको ऐसी जर दो!!

मिट्टी के तन मे दिल देना,
तो मोम सा छोटा दिल देना!
हे ईश्वर पेट की ज्वाला को ,
संतुष्टि से ही सिल देना!!

मिट्टी के तन में दिल पत्थर .
ये मानव ले कर घूम रहा!
जिसके कारण खूं से लथपथ ,
उन नोटों को ही चूम रहा!! 

जीने की हरबर में हम सब,
हैं मौत की गारी में बैठे !
जायेगा कुछ भी साथ नहीं,
पर राजा जैसे हम ऐंठे !

जीवन तो राजा जैसा दो,
पर ऐंठ का कोई घर ना हो!
ईश्वर जितना भी जीवन दो,
इक लय सा दो ,ना हरबर दो!! 









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