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शुक्रवार, 4 मार्च 2011

hey eshwar (tanu thadani)

अगर यकीं है  स्वर्ग पर ,
जीना फिर इस तरह,
तुम्हारे लफ्जो से कोई ,
आहत कभी ना हो!

भगवन उसे मिलेगे,
जिसके दिमाग में,
भगवान के आकार की .
चाहत कभी ना हो!

आता है गर क्रोध तो -
कमज़ोरियो से लर!
प्रेमी अगर हो सच्चे ;
तो माँ से प्रेम कर !

ईश्वर को तूने भोग लगाया तो क्या किया?
मूर्खो की तरह सूर्य को दिखाया क्यों दीया??

काबिल हो गरं,
दूसरों को काम दो बन्धु!
अब मंदिरों की घंटी को,
विराम दो बन्धु!!

मंदिर में ना जाना कभी मस्जिद में ना जाना
ईश्वर को ढूढने  को,
माँ के पास ही जाना !
माँ में ही तो रहीम तुम्हे राम मिलेगा ,
माँ के निकट ना कोई ताम-झाम मिलेगा!!

दुनिया की धुर्त्ततायें जब तुम को करे बेहाल,
माँ की ही गोद  में तुम्हे आराम मिलेगा!! 


















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